Monday, April 20, 2015

यह इंसान

          यह इंसान 
    क्या  हथकंडे अपनाता है इंसान
    सिर्फ पैसे कमाने के लिए ,
    कभी दोस्ती का ढोंग
   कभी झूठे रिश्तों का आवरण ,
    सिर्फ पैसे तक सम्बन्ध
    पैसे पे शुरू पैसे पे ख़त्म ,

   अरे नादां इंसान किसके लिए
    करता है तू यह ,
  कल जब तक तुझे इसका एहसास होगा
   तब तक बहुत  कुछ तुझसे छिन्नचूका होगा
  जिम्के लिए तू यह सब कर रहा है
  वो तो तुझे भी भूल चुके होंगे ,
  क्यूंकि तुझसे उन्होंने भी तो सीखा होगा
  कि सिर्फ पैसा , सिर्फ पैसा
  तो क्यूँ देंगे तुझ पे ध्यान ,
  तूने ही तो उन्हें विरासत दी होगी

  आज कर्म मायने नहीं रखता लोगों को
  धन मायने रखता है ,
   क्या  फायदा इन फरेबों का
  गर दो पल का सुकून नहीं तेरे पास ,
  कल तेरे पास सिर्फ हिसाब होगा
  जो तू करता रहेगा ,
  साथ नहीं होगा किसी का ,
   पैसों से नींद खरीद पाएगा ?
  भूख खरीद पायेगा  ?
  रिश्ते खरीद पायेगा ?

  गर कहीं किसी को इन सब की दूकान मिले
  तो मुझे भो पता देना !
  क्या  शै बनाई है भगवान ने भी
  यह इंसान ,
  बस अपने स्वार्थ के पीछे पागल




No comments:

Post a Comment