तूफ़ान आने वाला है शायद
मेघ गरज रहे हैं हवाओं का रुख भी तेज़ है
कई दिनों से तूफ़ान का डर सा था
मन में आशंका सी हो रही थी
हवाओं का रुख तेज हो गया है
कया करूँ समझ नहीं आ रहा
इस बार रुख तेज है तूफ़ान का
जर्जर आशियाना हिल रहा है
चुप जाऊं किसी कोने में
तूफ़ान के गुजरने तक
मेरे आशियाने का क्या होगा
शायद अब न बचा पाऊं मैं
मैं तो हर बार डट जाती थी
अपने आशियाने को बचा लेती थी
तूफ़ान का वेग वढ़ गया
या मैं कमजोर हो गई हूँ
चुप जाऊं किसी कोने में
अब नहीं रोक पाउंगी मैं शायद
आशियाना बिखरता सा नजर आ रहा है
सब बिखर जाएगा जो आज तक सहेजा था
मेघ गरज रहे हैं हवाओं का रुख भी तेज़ है
कई दिनों से तूफ़ान का डर सा था
मन में आशंका सी हो रही थी
हवाओं का रुख तेज हो गया है
कया करूँ समझ नहीं आ रहा
इस बार रुख तेज है तूफ़ान का
जर्जर आशियाना हिल रहा है
चुप जाऊं किसी कोने में
तूफ़ान के गुजरने तक
मेरे आशियाने का क्या होगा
शायद अब न बचा पाऊं मैं
मैं तो हर बार डट जाती थी
अपने आशियाने को बचा लेती थी
तूफ़ान का वेग वढ़ गया
या मैं कमजोर हो गई हूँ
चुप जाऊं किसी कोने में
अब नहीं रोक पाउंगी मैं शायद
आशियाना बिखरता सा नजर आ रहा है
सब बिखर जाएगा जो आज तक सहेजा था
bahut sundar likha aasha ji ...tufan nahi aayega .
ReplyDeleteThanks Upasna ji
ReplyDeleteTufan aa ke gujar jaate hain :)
कमजोरी मन में होती है ... मन को साधना होगा ...
ReplyDeleteजी दिगम्बर जी मन ही कमजोर हो जाता है
ReplyDeleteधन्यबाद